2022 का भारत संभावनाएं और चुनौतियां
वर्ष 2022 के भारत की संकल्पना एक ऐसे भारत के रूप में की जा सकती है जहां कोई भी भारतवासी रोगी ना हो ,खुश हो ,संतुष्ट हो ,भ्रष्टाचार से मुक्त हो , आतंकवाद के भय से आजाद हो | वास्तव में हमारे देश की प्रगति हमारे स्वास्थ्य मानसिक संतुलन तथा खुशहाली पर निर्भर है | जिसके लिए देश निरंतर प्रयासरत् है |2019 का भारत 1950 के भारत से बहुत भिन्न प्रतीत होता है ,आज देश ने कृषि क्षेत्र में बहुत अच्छी प्रगति की है कृषि के अतिरिक्त जीवन के अन्य क्षेत्रों को भी नियोजन से लाभ पहुंचा है |शैक्षिक सुविधाओं का विस्तार हुआ है | स्कूलों कालेजों और विश्वविद्यालयों की संख्या काफी बढ़ गई है | साक्षरता का प्रतिशत भी काफी बढ़ गया है | चिकित्सकीय सुविधाएं भारत के दूरस्थ क्षेत्रों में पहुंच गई हैं | औद्योगिकरण के कारण भारत अनेक चीजों के बारे में आत्मनिर्भर होता जा रहा है | बहुत सी बहुउद्देशीय परियोजनाओं की स्थापना भारत के लिए वरदान साबित हुई है वाहन और यातायात के साधनों में क्रांति आई है जो यात्रा दिनों और महीनों में पूरी होती थी , आज मिंटो और घंटों में पूरी हो जाती है इन्हीं सब कारणों से भारत ने अपने को विकसित की दशा से निकालकर विकासशील की श्रेणी में ला खड़ा किया है इन सबके अतिरिक्त गांव से गरीबी दूर करने के लिए भी कदम उठाए गए हैं | एकीकृत ग्रामीण विकास कार्यक्रम टाई सम , स्पेशल कंपोनेंट प्लान , प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम और अन्य बहुत से कार्यक्रम जिनका उद्देश्य रोजगार प्रदान करना और जनता के रहन-सहन के स्तर को ऊपर उठाना है, शुरू किए गए हैं|
भारत एक विशाल देश हैं | क्षेत्रफल के दृष्टिकोण से यह दुनिया का सातवां सबसे बड़ा देश है | जनसंख्या की दृष्टि से इसका स्थान संसार में दूसरा है | हमारा देश दुनिया के विकासशील देशों की श्रेणी में आता है यह तीव्र गति से विकासमान है | 21वीं सदी में भारत विकसित राष्ट्रों की पंक्ति में खड़ा होने के लिए लालायित उठा है | पिछले कुछ सालों में भारत नें अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भी काफी विकास किया है |साथ ही सरकार ने गृह उद्योगों को भी बढ़ावा दिया है |भविष्य के बाजारों के लिए घोषित प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना से भारतीय अर्थव्यवस्था आशान्वित है|
नए भारत की संकल्पना को पूरा करने के लिए सरकार का लक्ष्य 2022 तक 15 करोड़ भारतीय युवाओं को काम का हुनर , कुशलता दक्षता या स्किल सिखाना है | परंतु यदि सभी नौकरी मांगेंगे तो नौकरी देगा कौन ? निश्चित रूप से कुछ लोगों को उद्यमी बनाना होगा | भारत को कौशल का वैश्विक केंद्र बनाने और रोजगार की समस्या के समाधान के लिए ही "कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय " स्थापित किया गया है |" कुशल भारत -कौशल भारत " की चुनौती को स्वीकार करते ही विकसित भारत एवं नए भारत की संकल्पना को साकार किया जा सकता है|
किन्तु यह देश का दुर्भाग्य है कि इतने प्रयत्नों के बाद भी हम धर्म की राजनीति से नहीं भर पा रहे हैं और देश का जितना विकास होना चाहिए नहीं हो पा रहा है | अभी भारत पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के 2020 के लक्ष्य को भी प्राप्त करने में असमर्थ रहा है | उन्होंने कहा था कि "धर्म की राजनीति के साथ भारत का विकास संभव नहीं है |समस्त समाज को एक साथ एकजुट होकर आगे बढ़ना होगा , तभी देश की तरक्की संभव होगी |उन्होंने कहा था कि विजन 2020 के तहत अगर अगले 9 साल तक सकल घरेलू उत्पाद जीडीपी की वृद्धि दर 10:00 से 11% रहती है तो भारत आर्थिक रूप से विकसित देशों की कतार में शामिल हो सकता है |भारत में स्वच्छ और हरित ऊर्जा महिलाओं की शिक्षा जनसंख्या नियंत्रण गांवों में स्वच्छ पेयजल विद्युत व्यवस्था तथा अन्य पर्याप्त सुविधाओं का विकास हो तभी नवीन भारत बन सकता है |"
सरकार द्वारा 2022 के भारत के लिए निम्न लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं |
भारत एक विशाल देश हैं | क्षेत्रफल के दृष्टिकोण से यह दुनिया का सातवां सबसे बड़ा देश है | जनसंख्या की दृष्टि से इसका स्थान संसार में दूसरा है | हमारा देश दुनिया के विकासशील देशों की श्रेणी में आता है यह तीव्र गति से विकासमान है | 21वीं सदी में भारत विकसित राष्ट्रों की पंक्ति में खड़ा होने के लिए लालायित उठा है | पिछले कुछ सालों में भारत नें अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भी काफी विकास किया है |साथ ही सरकार ने गृह उद्योगों को भी बढ़ावा दिया है |भविष्य के बाजारों के लिए घोषित प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना से भारतीय अर्थव्यवस्था आशान्वित है|
नए भारत की संकल्पना को पूरा करने के लिए सरकार का लक्ष्य 2022 तक 15 करोड़ भारतीय युवाओं को काम का हुनर , कुशलता दक्षता या स्किल सिखाना है | परंतु यदि सभी नौकरी मांगेंगे तो नौकरी देगा कौन ? निश्चित रूप से कुछ लोगों को उद्यमी बनाना होगा | भारत को कौशल का वैश्विक केंद्र बनाने और रोजगार की समस्या के समाधान के लिए ही "कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय " स्थापित किया गया है |" कुशल भारत -कौशल भारत " की चुनौती को स्वीकार करते ही विकसित भारत एवं नए भारत की संकल्पना को साकार किया जा सकता है|
किन्तु यह देश का दुर्भाग्य है कि इतने प्रयत्नों के बाद भी हम धर्म की राजनीति से नहीं भर पा रहे हैं और देश का जितना विकास होना चाहिए नहीं हो पा रहा है | अभी भारत पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के 2020 के लक्ष्य को भी प्राप्त करने में असमर्थ रहा है | उन्होंने कहा था कि "धर्म की राजनीति के साथ भारत का विकास संभव नहीं है |समस्त समाज को एक साथ एकजुट होकर आगे बढ़ना होगा , तभी देश की तरक्की संभव होगी |उन्होंने कहा था कि विजन 2020 के तहत अगर अगले 9 साल तक सकल घरेलू उत्पाद जीडीपी की वृद्धि दर 10:00 से 11% रहती है तो भारत आर्थिक रूप से विकसित देशों की कतार में शामिल हो सकता है |भारत में स्वच्छ और हरित ऊर्जा महिलाओं की शिक्षा जनसंख्या नियंत्रण गांवों में स्वच्छ पेयजल विद्युत व्यवस्था तथा अन्य पर्याप्त सुविधाओं का विकास हो तभी नवीन भारत बन सकता है |"
सरकार द्वारा 2022 के भारत के लिए निम्न लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं |
- विकास को जन आंदोलन बनाना
- स्वच्छ, स्वस्थ ,शिक्षित ,संपन्न ,सक्षम, सुरक्षित भारत |
- किसानों की आय को दोगुना करना |
- तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप बनाना |
- किसानों को जोखिम मुक्त करना |
- उच्चतर शिक्षा के बीस विश्वस्तरीय संस्थान खोलना |
- कुपोषण मुक्त भारत बनाना |
- 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड बनाना |
- सौभाग्य योजना के तहत 4 करोड़ परिवारों को बिजली तथा प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत् चार करोड़ घरों का लक्ष्य |
- नई तकनीक द्वारा कृषि क्षेत्र में वृद्धि |
सरकार के घोषणा पत्र में इन सारी चीजों का जिक्र है जो 2022 में भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने तक किए जाने हैं | इनमें कृषि क्षेत्र में मैन्युफैक्चरिंग , स्किल डेवलपमेंट आदि शामिल है| इन सभी लक्ष्यों की पूर्ति के लिए देश की अर्थव्यवस्था का मजबूत होना भी आवश्यक है लेकिन इस समय अर्थव्यवस्था में मंदी के संकेत हैं विकास दर सुस्त पड़ रही है | युवाओं में बेरोजगारी की समस्या बढ़ रही है | हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं |पॉकेटमारी और झपटवारी की घटनाएं बढ़ रही हैं | बैंक दिवालिया हो रहे है |इन सब घटनाओं से मुक्ति के लिए सरकार को कुछ ऐसे कदम उठाने हैं जो सारी समस्याएं दूर हो जाएं और रोजगार के अवसर अधिक से अधिक उपलब्ध हों जिससे लोग अपने कार्यों पर ध्यान दें और देश के विकास में सहायक हो ना कि हिंसा, झपट मारी ,चोरी और भ्रष्टाचार के द्वारा देश का विनाश करें |
पॉलिथीन मुक्त भारत ,एक कदम स्वच्छता की ओर ,शौचालयों का निर्माण जैसी योजनाओं के साथ ही लघु उद्योग शुरू करने तथा माध्यमिक शिक्षा के अंतर्गत ऐसे पाठ्यक्रम लाने की आवश्यकता है जो छात्रों में कार्य करने की क्षमता का निर्माण कर सकें | उनमें केवल डॉक्टर और इंजीनियर बनने की चाहत ना हो ,वे छोटे उद्योग धंधों के द्वारा भी देश के विकास में सहभागिता कर सकें और अपने जीवन को भी सफल बना सकें |तभी हमारा भारत नवीन भारत बन सकता है | जय हिदं जय भारत |
पॉलिथीन मुक्त भारत ,एक कदम स्वच्छता की ओर ,शौचालयों का निर्माण जैसी योजनाओं के साथ ही लघु उद्योग शुरू करने तथा माध्यमिक शिक्षा के अंतर्गत ऐसे पाठ्यक्रम लाने की आवश्यकता है जो छात्रों में कार्य करने की क्षमता का निर्माण कर सकें | उनमें केवल डॉक्टर और इंजीनियर बनने की चाहत ना हो ,वे छोटे उद्योग धंधों के द्वारा भी देश के विकास में सहभागिता कर सकें और अपने जीवन को भी सफल बना सकें |तभी हमारा भारत नवीन भारत बन सकता है | जय हिदं जय भारत |
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